जिंदगी




जिंदगी से शिकायत जो न कर पायेंगें ,
जिंदगी की इबादत न वो में मर जायेंगें |

साथ लेकर सफर में न कुछ आये थे ,
साथ लेकर सफर से न क्या जायेंगें |

पलपल जिनका जीना हुआ है मुहाल ,
वो खुद को जहां में फना कर जायेंगें |

जो डरते हैं आँखों में अश्क लाने से ,
मुस्कुराना भला कैसे सीख जायेंगें |

रात काली देख घर से निकलते नहीं ,
चाँद की चांदनी वो क्या चुरा जायेंगें |

खुलकर बयाँ न कर पाए दिल ए हकीकत ,
वो लफ़्ज़ों की कारीगरी क्या समझ जायेंगें |