वो सुबह जरुर आएगी ...



सुबह भी चली गई ,
शाम भी ढल गया ,
रात अपने आगोश में 
चाँद को लेकर निकल गया |

कल फिर आएगा ,
सूरज को साथ लायेगा ,
नये दिन के साथ हम भी 
नये सपनों में खो जायेंगें |

मन को नया बनायेंगें ,
बीते कल को भुलाएँगें ,
नये पल के स्वागत में 

हम फिर महफ़िल सजायेंगें |

तुम भी जरुर आना ,
वादों को संग में लाना ,
गुजरे कल को भुला 

वर्तमान में जीना सीख जायेगें |