सबक



हर तरफ शोर सुन धरा ने निर्णय था लिया ,
बादलों को बगावत का प्रस्ताव लिख दिया |

उमड़ - घुमड़ के शोर ने हर शोर को दबा दिया ,
मूक तांडव ने इंसानी ज़ज्बातों को जगा दिया |

ऐसे भिगोया धरा को की लहुलुहान कर दिया ,
हर तरफ दर्द का भयंकर सैलाब ही ला दिया |

चीख - पुकार ने मानव मन को दहला दिया ,
तब - तक बादलों ने अपना काम कर दिया |

सबक सीखाने को धरा ने था ये काम किया ,
बादलों ने प्रकृति का रोष ही बयाँ कर दिया |