कितने प्यारे थे वो दिन ,
जब साथ तुम्हारे चलते थे |
कुछ वादे तुमसे करते थे ,
फिर तोड़ के आगे बड़ते थे |
दो पल का हँसना - रोना था ,
फिर रूठ के आगे बढना था |
प्यारी - प्यारी बातों के साथ ,
इक दूजे के संग चलना था |
अब सपनों का सफ़र निराला है ,
अब सपनों का सफ़र निराला है ,
प्यारी बातों का ताना- बाना है |
उन बीते दिनों के लम्हों का ...
उन बीते दिनों के लम्हों का ...
मीठा सा एक फ़साना है |
वो पन्नों का जुड़ते जाना था ,
एक प्यारी किताब बनाना था |
अब उन मीठी यादों से ही ,
दिल को बहलाते जाना था |
आज फिर से वो सौगात मिली ,
फिर यादों की बरसात हुई |
अब आप तो साथ न आये थे ,
यादों को अपने संग लाए थे |
अब दिल को , तो बहलाना था |
अब दिल को , तो बहलाना था |
यादों का सफ़र सुहाना था |
फिर से उन मिट्ठी यादों में ,
पंछी बन कर उड़ जाना था |
जिंदगी तो एक तराना है |
फिर से उन मिट्ठी यादों में ,
पंछी बन कर उड़ जाना था |
जिंदगी तो एक तराना है |
बस प्यार से जीते जाना है |
मदहोश करते उन लम्हों में ,
खुद को भूल , बस जाना है |
मदहोश करते उन लम्हों में ,
खुद को भूल , बस जाना है |