खुद से ही बेखबर |
न कोई सोच , न ही विचार |
न कोई शिकवा ,
न ही कोई शिकायत |
अपनी ही दुनिया में मग्न ,
न कोई चाहत , न ही बगावत |
आज लड़ना , कल वही अपना |
हर किसी से बेखबर ,
सिर्फ अपनी मंजिल का जश्न |
खुद से सवाल , खुद ही जवाब |
सब कुछ पाने की चाह ,
न मिले तो भी न कोई बात |
मस्त गगन में उड़ते पंछी जैसा ,
स्वछंदता से बस उड़ते रहना |
हर सुबह नए सपनों में जागना |
रोज़ उसे हसीं रंगों से रंगना |
हाँ यही तो है वास्तविक जीवन |
हर हाल में मस्त , हर बात से बेखबर |