खूबसूरती





मैने खुदा से पूछा कि खूबसूरती क्या है?

तो वो बोले ::::
खूबसूरत है वो लब जिन पर दूसरों के लिए एक दुआ है
खूबसूरत है वो मुस्कान जो दूसरों की खुशी देख कर खिल जाए
खूबसूरत है वो दिल जो किसी के दुख मे शामिल हो जाए और किसी के प्यार के रंग मे रंग जाए
खूबसूरत है वो जज़बात जो दूसरो की भावनाओं को समझे
खूबसूरत है वो एहसास जिस मे प्यार की मिठास हो
खूबसूरत है वो बातें जिनमे शामिल हों दोस्ती और प्यार की किस्से कहानियाँ
खूबसूरत है वो आँखे जिनमे कितने खूबसूरत ख्वाब समा जाएँ
खूबसूरत है वो आसूँ जो किसी के ग़म मे बह जाएँ
खूबसूरत है वो हाथ जो किसी के लिए मुश्किल के वक्त सहारा बन जाए
खूबसूरत है वो कदम जो अमन और शान्ति का रास्ता तय कर जाएँ
खूबसूरत है वो सोच जिस मे पूरी दुनिया की भलाई का ख्याल आ जाये

दोषी कोन


ख़बरे कहती हैं की ? युवापीढ़ी बिगड़ गई है !
कितना आसां है किसी को दोष देना 
और इतना कहना की वो बिगड़ गया है 
हाथ पकड़ कर चलना तो उसने हमसे ही सिखा है 
घर मै रह कर ही तो कदम बढाना जाना है 
फिर उसका दोष  पहले कहाँ आता है ?
वो तो सिर्फ हमारे ही नक़्शे कदम पर जाता है 
उसको दोष देने से पहले अपने गिरेबान को तो  देखो 
कही अपनी की गई गलती की सजा उसको न दे डालो 
वो जो हमे सम्मान देना चाहता है
 वो सब हमसे ही सिख के जाता है 
क्युकी जब अच्छी आदतों की बात आती है ?
वो सब  हमारी विरासत हो जाती है 
और जो गलत काम वो करता है 
तो वो उसके हिस्से मै चली जाती है 
तो मेरा तो बस इतना ही मानना है 
की जब ऊँगली पकड़ के चलना सिखाया  है तो 
हाथ पकड़ के बढना क्यु  नहीं ?
क्युकी जिन्दगी का सफ़र तो ?
 तमाम उम्र सहारा खोजता ही रहता है 
फिर युवा वर्ग दोषी केसे हो सकता है 
वो तो सिर्फ सही राह की तलाश मै है 
हाथ थामे रहोगे तो तलाश भी ख़तम होगी !
और उसके सर लगा इलज़ाम भी ? 

चाँद


बीते लम्हों की ही तो ये  बात है !
फुर्सत के पलों की ही तो ये  रात  है !
जब चाँद के पहलु मै हम बेठे  रहते थे !
उसे निहारते -२ ही न हम थकते थे !
कितनी हसीन लगती थी वो चांदनी रात !
जब खामोश रात मै उसकी चांदनी बिखरती थी !
हर तरफ नूर ही नूर बरसती थी !
खामोश तन्हाई भी जेसे हसीं लगती थी !
जब कोई न था पर चाँद का दामन हमारे पास था !
वो तो जेसे हरदम हमारे साथ था !
आज तो लगता है जेसे मुदते ही बीत गई!
उसके दीदार को आँखे जेसे तरस गई !
आज कल चाँद के लिए फुर्सत किसके पास है !
ये तो सब  वक़्त वक़्त की बात है !
कल तक हम उसके पहलु से बँधे फिरते थे !
सुना है आज वो हमे अपनी आगोश मै लेने को बेकरार है !