खट्टी - मीठी सी यादें



कोई मिट्ठी सी आह्ट
               दिल मै उतर रही थी !
बार - बार की दस्तक
             हमसे कुच्छ कह रही थी !
ये कोंन था जो हमको
            इशारे मै कुच्छ कह रहा था !
करीब न होते हुए भी
          कुच्छ  एहसास दिला रहा था !
कही ये वही तो नहीं
           जो खवाबो मै हर दम आता था !
सपनो मै आ आ कर
          फिर हमको खूब सताता था !
अपने एहसासों  से ये ......
           दुनिया रंगीन बनाता है !
सारे रिश्तो को तोड़ कर
           फिर उसका होता जाता है !
प्रेम की डोली मै बिठा
            फिर दूर कही ले जाता है !
अपने वादे कसमो से .......
           हमको अपना बनाता है !
अपने मीठे जादू से ......
           रंगों की सेज सजाता है !
जब हम रंग मै रंग जाते हैं
          और सपनो मै खो जाते हैं !
तो दस्तक दे दे के फिर वो
                 हमे बेरंग करता  जाता है !
हम अपनी किस्मत पर रोते हैं !
               सपनो से दूर ज्यू  होते  हैं !
दिल को फिर समझाते   हैं !
             जीने के काबिल बनाते हैं !
अपने जख्मो मै मरहम कर ......
                 नई  राह पर जाते है !
अपने एहसास  दबाते हैं
           किसी से कुच्छ न कह पाते हैं !
उन खट्टे  - मीठी  यादों  से
             दुनिया को सबक सिखाते हैं ! .

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