वो बीते पल

 
कितने प्यारे थे वो दिन ,
जब साथ तुम्हारे चलते थे |
कुछ  वादे तुमसे करते थे ,
फिर तोड़ के आगे बड़ते थे | 

दो पल का हँसना - रोना था ,
फिर रूठ के आगे बढना  था |
प्यारी - प्यारी बातों के साथ  ,
इक दूजे के संग  यूँ चलना था |

अब सपनों का सफ़र निराला है  ,
प्यारी बातों  का ताना- बाना है |
उन प्यारी - प्यारी बातों का 
मीठा सा एक फ़साना  है    |

वो पन्नों का  जुड़ते जाना था ,
प्यारी सी किताब बनाना था |
अब उन मीठी - मीठी यादों से ,
दिल को बहलाते  जाना है  |

आज  फिर से वो सौगात मिली |
फिर यादों की बरसात हुई ,
अब आप तो साथ न आये थे |
यादों को साथ बस लाये थे ,

अब दिल को , तो  बहलाना था |
यादों का सफ़र बनाना था |
फिर से उन मिट्ठी यादों में ,
पंछी बन कर उड़ जाना  था |
मदहोश होती उन घटाओं  में
खुद को भूल , बस जाना है |

जिंदगी का भी यही  तराना  है |
बस प्यार से जीते जाना  है |
मिट्ठी - मिट्ठी यादों से फिर
प्यार का सागर बनाना है |

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